यशायाह 21
21 1 जिस प्रकार दक्षिण के भूमि में आंधी आती है, उसी प्रकार जंगल से, अर्थात आतंक का देश से निकलकर आक्रमणकारी आ रहा है. 2 मुझे एक दर्शन मिला जो दुख का था कि: विश्वासघाती विश्वासघात करता है और नाशक नाश करता है. हे एलाम, चढ़ाई करो! हे मेदिया, सबको घेर लो! मैं उन सबके दुख को खत्म कर दूंगा जो उसके कारण हुए हैं. 3 इस कारण मेरे शरीर में दर्द है, मैं इतना घबरा गया हूं, कि मुझे सुनाई नहीं देता; मैं इतना डर गया हूं, कि मुझे दिखाई नहीं देता. 4 मेरा हृदय कांपता है, डर ने मुझे घेर लिया है; वह शाम जिसकी मुझे चाह थी वह डर में बदल गई है. 5 भोजन की तैयारी हो गई और मेहमानों को बिठाया जा रहा है, शासको उठो, ढालों पर तेल लगाओ! 6 याहवेह ने मुझसे कहा है कि: “जाओ, एक पहरेदार को खड़ा करो और जो कुछ वह देखे उसे बताने दो. 7 जब घोड़ों, गधों और ऊंटों पर सवारी आता देखे तब उन पर खास दे.” 8 तब वह पहरेदार सिंह के समान गुर्राते हुए कहेगा, “हे स्वामी, मैं दिन भर खड़ा पहरा देता रहता हूं; और पूरी रात जागता हूं. 9 और देखो रथ में एक आदमी आता है, दो-दो घोड़ों के रथ में सवार होकर आ रहे है. उसने कहा: ‘गिर गया, बाबेल गिर गया! सभी मूर्तियां गिरकर चूर-चूर हो गई हैं!’ ” 10 हे मेरे कुचले गए पुत्र, हे मेरे खलिहान के पुत्र सर्वशक्तिमान याहवेह इस्राएल के परमेश्वर ने, मुझसे जो कुछ कहा, वह मैंने तुम्हें बता दिया. 11 दुमाह के विरोध भविष्यवाणी: सेईर से मुझे कोई बुला रहा है, “हे पहरेदार, रात की क्या ख़बर है?” 12 पहरेदार ने कहा, “सुबह होती है, और रात भी. और जो कुछ आप पूछना चाहते हैं, पूछिए; और पूछने के लिये आईये.” 13 अराबिया के खिलाफ़ एक भविष्यवाणी: ददान के यात्री, अराबिया के जंगल में तुम रात बिताओगे, 14 तेमा देश के लोगों को पानी पिलाओगे; भागे हुओं को खाना दो. 15 क्योंकि वे युद्ध से भागे हुए हैं, और तलवार और धनुष के सामने से भागे हुए हैं. 16 क्योंकि स्वामी ने मुझसे ऐसा कहा है कि: “मज़दूर के अनुसार एक ही वर्ष में, केदार की शान खत्म हो जाएगी. 17 केदार के तीर चलानेवालों की गिनती कम हो जाएगी.” यह याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर, का वचन है.